करà¥à¤£à¤¾, दया, सरलता, सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤à¤¾ आदि गà¥à¤£ जिनà¥à¤¹à¥‡ विरासत से ही पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤ à¤à¤¸à¥‡ अरविनà¥à¤¦ à¤à¥ˆà¤¯à¤¾ जब गà¥à¤°à¤¾à¤® पथरिया मे रहते थे। तब वे पà¥à¤°à¤¾à¤¯:देखा करते थे की यदि वृदà¥à¤§ अमà¥à¤®à¤¾ आदि काम करते दिखते थे तो वे à¤à¤Ÿ से बिना बà¥à¤²à¤¾à¤¯à¥‡ उनकी मदद करने, दौड़कर अपनी पढाई छोड़कर जाते थे।उनके वे संसà¥à¤•à¤¾à¤° निरंतर वृदà¥à¤§à¤¿à¤—ंत होते गठजब वे 1975 मे कटनी शांति निकेतन गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² मे पà¥à¤¨à¥‡ आये तो यहाठपर à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने देखा कि à¤à¤• वयोवृदà¥à¤§ अमà¥à¤®à¤¾, जिसका सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¤¯ à¤à¥€ ठीक नहीं रहता फिर à¤à¥€ सà¥à¤•à¥‚ल का सारा पानी à¤à¤°à¤¤à¥€ है तो उनका कोमल हदय यह पसीज गया वे उस अमà¥à¤®à¤¾ के सिर से पानी का बरà¥à¤¤à¤¨ लेते और जलà¥à¤¦à¥€ से पानी à¤à¤° देते थे। वह अमà¥à¤®à¤¾ मना करती बेटा तà¥à¤® पढाई करो, मैं कर लूà¤à¤—ी तो वे कहते तà¥à¤® आराम करो, मैं पानी à¤à¤°à¥à¤à¤—ा और पढाई à¤à¥€ कर लूà¤à¤—ा। तब उस अमà¥à¤®à¤¾ के हदय से शà¥à¤à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ -दà¥à¤†à¤“ के उपहार रूप वचन निकलते थे कि बेटा तà¥à¤® à¤à¤• दिन बहà¥à¤¤ महान- ऊà¤à¤šà¥‡ बनोगे। तà¥à¤® तो देवता के रूप हो।
गà¥à¤°à¥ जीवन (मम) जीवंत आदरà¥à¤¶,
शिकà¥à¤·à¤¾à¤“ं - घटनाओं का सरà¥à¤— ।
मेरे जीवन का यही विमरà¥à¤¶,
दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को कराऊठउनका दरà¥à¤¶ ।।
( घटनायें , ये जीवन की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• से लिठगठअंश )