महान पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹ का आचरण , उनकी कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤ सामानà¥à¤¯ लोगों से होती है कà¥à¤› हटकर, वे à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ सà¥à¤—नà¥à¤§à¤¿à¤¤ पà¥à¤·à¥à¤ª होते है जिसकी सà¥à¤—नà¥à¤§à¤¿ बरबस खींचती है पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ मातà¥à¤° को अपनी ओर ।
à¤à¤¸à¥‡ ही कà¥à¤› विशेष थे हमारे पथरिया में जनà¥à¤®à¥‡ छोटे टिनà¥à¤¨à¥‚ à¤à¥ˆà¤¯à¤¾ सन 1965 की बात है जब ठंडी का मौसम था ओर समय था पà¥à¤°à¤¾à¤¤: काल का , बà¥à¤¿à¤¯à¤¾ टोप-कोट पहनकर टिनà¥à¤¨à¥‚ जी बैठे थे कà¥à¤à¤ के पाट पर ओर उनकी à¤à¥‹à¤²à¥€ , पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥€ मà¥à¤¸à¥à¤•à¤°à¤¾à¤¤à¥€ सूरत सहज आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ करती थी सबको । घर पर रहना à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अचà¥à¤›à¤¾ कहाठलगता था , जो à¤à¥€ निकलता टिनà¥à¤¨à¥‚ जी के घर के रासà¥à¤¤à¥‡ से मंदिर जी के लिये, तो टिनà¥à¤¨à¥‚ जी à¤à¥€ साथ हो लेते , काम ही कà¥à¤¯à¤¾ था उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚, à¤à¤—वान जी ही अचà¥à¤›à¥‡ लगते थे ।
à¤à¤• दिन टिनà¥à¤¨à¥‚ जी की नींद खà¥à¤²à¥€ कà¥à¤› देरी से , सà¤à¥€ लोग पà¥à¤°à¤¾à¤¤ : काल ही मंदिर चले जाते थे अतः आज कोई उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मंदिर नहीं ले गया , अब कà¥à¤¯à¤¾ था टिनà¥à¤¨à¥‚ जी सà¥à¤µà¤¯à¤‚ ही चल दिये मंदिर की ओर, पर ये कà¥à¤¯à¤¾ ? मंदिर का दरवाजा तो बंद था अत: मंदिर के बाहर ही बैठगये, काफी देर तक बैठे रहे पर दरवाजा नहीं खà¥à¤²à¤¾ ।
इधर शà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¾ माठका ममतामयी मन वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¥à¤² हो उठा कहाठगया मेरी टिनà¥à¤¨à¥‚ ? अà¤à¥€ तो यही था , न जाने कहाठचला गया । तà¤à¥€ गाà¤à¤µ के à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ ने बताया - शà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¾ जी, आपका घà¥à¤®à¤•à¥à¤•à¥œ टिनà¥à¤¨à¥‚ तो मंदिर के दरवाजे पर बैठा है , उसे घर नहीं मंदिर की चौखट ही à¤à¤¾à¤¤à¥€ है, माठकी जान में जान आयी । पर टिनà¥à¤¨à¥‚ की रूचि को कौन जान सकता था की आज का यह घà¥à¤®à¤•à¥à¤•à¥œ टिनà¥à¤¨à¥‚ आगे चलकर à¤à¥à¤°à¤®à¤£ करेगा à¤à¤¾à¤°à¤¤ के समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ जिनालयो में ओर सरà¥à¤µà¤œà¥à¤ž फहरायेगा जिन धरà¥à¤® की धवà¥à¤œà¤¾ ।
गà¥à¤°à¥ जीवन (मम) जीवंत आदरà¥à¤¶,
शिकà¥à¤·à¤¾à¤“ं - घटनाओं का सरà¥à¤— ।
मेरे जीवन का यही विमरà¥à¤¶,
दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को कराऊठउनका दरà¥à¤¶ ।।
( घटनायें , ये जीवन की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• से लिठगठअंश )