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मेरे मन वीणा के तारे हमेशा गुरु का नाम पुकारे
ViragVani
मेरे वीर भोले भाले
मेरे शीश पर तेरा हाथ हो आदिश्वर प्रभु
मेरे सपने में आये वात्सल्य दिखाए
मैं तो आयी गुरूजी तेरे द्वार ना खाली जाउंगी
यह चंदा यह सूरज यह धरती सितारे
ले पिच्छी कमंडल साधु जीवन में चले तलवार की धार
लेते है गुरु का नाम लेते ही बन जाते अपने काम
विराग गुरु सदगुणो से भरपूर
विराग सागर गुरूजी महान है गुरुदेव जैनियों की शान है
श्री विराग सागर गुरुजी महान आये हम मुक्ति पथ पाने
श्री विराग सागर सा सागर कान्हा