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चारों दिशाएं
ViragVani
धरती पे आज देखो
ओ गुरु निज में मग्न भक्त पकडे चरण
गुरुओ की भक्ति से देखो किस्मत संवर गयी
हे नाम गुरु का लीजिये भक्तो सुबह श्याम