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आयो खुशियां मनालो भक्ति में झूम गालो
ViragVani
गुरु विराग की गुण महिमा का कोई अंत ना होगा
गुरु विराग सागर के द्वार चलो
गुरुद्वार पे भक्तो ने मेला है जमाया
गुरुवर तुमको भक्तो की शुभकामना रहो चिरायु उन्नत हो तप साधना
जन्मो की कठिन तपस्या का
गुरु गुणगान गाये बारम्बार जिनने किये हम पर उपकार