Developed by:
गुरु का हाथ हो सिर पे तो हिम्मत मन को मिलती है
ViragVani
नन्हे नन्हे उमरैया धार दिगम्बर बाना
धड़कन में बस्ती है गुरुवर के यादे करते है सपनो में उनसे ही बाते
वो विरागी है सदा राग से बचाते है
बाबा अपने विरागी महाराज नमोस्तु कर लोयो जी
आगे आगे है गुरुवर पीछे पावना यह संघ
गुरु मोहित है हम तेरे मुस्कान पे
तेरे रूप में हमको इस युग का भगवन दीखता है और भक्त को हर शंका का समाधान दीखता है
गुरुवर भाग्य जगा दो रे , पिच्छी सिर पे लगा दो रे
ओ गुरुवर आओ आज थे राखो मारी लाज भक्त की यह विनती है
नाचे रे गाओ रे
गुरुदेव हमारी विनती को ना ठुकराओ