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आरती के दीपक पुकारे गुरु नाम
ViragVani
आरती श्यामा के लाल की
गुरु विराग सागर की हम आरती उतारे
सन्मति विमल चरण पद पाऊं गुरु विराग सिंधु को ध्याऊँ
हम तो उतारे तेरी आरती
गुरुवर विराग की जय बोलो